संधिआ वेले का हुक्मनामा – 20 जून 2024
जैतसरी महला ४ ॥ जिन हरि हिरदै नामु न बसिओ तिन मात कीजै हरि बांझा ॥ तिन सुंञी देह फिरहि बिनु नावै ओइ खपि खपि मुए करांझा ॥१॥ मेरे मन...




संधिआ वेले का हुक्मनामा – 20 मार्च 2023
सलोक ॥ मन इछा दान करणं सरबत्र आसा पूरनह ॥ खंडणं कलि कलेसह प्रभ सिमरि नानक नह दूरणह ॥१॥ हभि रंग माणहि जिसु संगि तै सिउ लाईऐ नेहु ॥ सो...


अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 25 दसंबर 2024
सोरठि महला ३ ॥ बिनु सतिगुर सेवे बहुता दुखु लागा जुग चारे भरमाई ॥ हम दीन तुम जुगु जुगु दाते सबदे देहि बुझाई ॥१॥ हरि जीउ क्रिपा करहु तुम पिआरे...


अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 9 अप्रैल 2023
धनासरी महला ४ ॥ मेरे साहा मै हरि दरसन सुखु होइ ॥ हमरी बेदनि तू जानता साहा अवरु किआ जानै कोइ ॥ रहाउ ॥ साचा साहिबु सचु तू मेरे साहा...




अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 23 जून 2024
बिलावलु महला ४ असटपदीआ घरु ११ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ आपै आपु खाइ हउ मेटै अनदिनु हरि रस गीत गवईआ ॥ गुरमुखि परचै कंचन काइआ निरभउ जोती जोति मिलईआ ॥१॥...


अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 17 सतंबर 2024
सलोकु मः ४ ॥ अंतरि अगिआनु भई मति मधिम सतिगुर की परतीति नाही ॥ अंदरि कपटु सभु कपटो करि जाणै कपटे खपहि खपाही ॥ सतिगुर का भाणा चिति न आवै...


संधिआ वेले का हुक्मनामा – 4 दसंबर 2022
धनासरी महला ५ ॥ तुम दाते ठाकुर प्रतिपालक नाइक खसम हमारे ॥ निमख निमख तुम ही प्रतिपालहु हम बारिक तुमरे धारे ॥१॥ जिहवा एक कवन गुन कहीऐ ॥ बेसुमार बेअंत...




संधिआ वेले का हुक्मनामा – 9 अप्रैल 2023
टोडी महला ५ ॥ सतिगुर आइओ सरणि तुहारी ॥ मिलै सूखु नामु हरि सोभा चिंता लाहि हमारी ॥१॥ रहाउ ॥ अवर न सूझै दूजी ठाहर हारि परिओ तउ दुआरी ॥...


अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 25 फरवरी 2023
देवगंधारी महला ५ ॥ अपुने हरि पहि बिनती कहीऐ ॥ चारि पदारथ अनद मंगल निधि सूख सहज सिधि लहीऐ ॥१॥ रहाउ ॥ मानु तिआगि हरि चरनी लागउ तिसु प्रभ अंचलु...


संधिआ वेले का हुक्मनामा – 19 सतंबर 2023
रागु सोरठि बाणी भगत कबीर जी की घरु १ जब जरीऐ तब होइ भसम तनु रहै किरम दल खाई ॥ काची गागरि नीरु परतु है इआ तन की इहै बडाई...




संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 15 फरवरी 2025
धनासरी महला ५ ॥ हलति सुखु पलति सुखु नित सुखु सिमरनो नामु गोबिंद का सदा लीजै ॥ मिटहि कमाणे पाप चिराणे साधसंगति मिलि मुआ जीजै ॥१॥ रहाउ ॥ राज जोबन...


अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 28 मई 2025
अंग : 696 जैतसरी महला ४ घरु १ चउपदे ੴसतिगुर प्रसादि ॥ मेरै हीअरै रतनु नामु हरि बसिआ गुरि हाथु धरिओ मेरै माथा ॥ जनम जनम के किलबिख दुख उतरे...


अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 18 जून 2025
अंग : 692 रागु धनासरी बाणी भगत कबीर जी की ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ राम सिमरि राम सिमरि राम सिमरि भाई ॥ राम नाम सिमरन बिनु बूडते अधिकाई ॥१॥ रहाउ...




अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 17 दसंबर 2022
धनासरी महला १ ॥ जीवा तेरै नाइ मनि आनंदु है जीउ ॥ साचो साचा नाउ गुण गोविंदु है जीउ ॥ गुर गिआनु अपारा सिरजणहारा जिनि सिरजी तिनि गोई ॥ परवाणा...


संधिआ वेले का हुक्मनामा – 24 फरवरी 2023
सोरठि महला ९ ॥ प्रीतम जानि लेहु मन माही ॥ अपने सुख सिउ ही जगु फांधिओ को काहू को नाही ॥१॥ रहाउ ॥ सुख मै आनि बहुतु मिलि बैठत रहत...


संधिआ वेले का हुक्मनामा – 20 अक्टूबर 2023
धनासरी महला ५ ॥ जतन करै मानुख डहकावै ओहु अंतरजामी जानै ॥ पाप करे करि मूकरि पावै भेख करै निरबानै ॥१॥ जानत दूरि तुमहि प्रभ नेरि ॥ उत ताकै उत...





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