अमृत वेले का हुक्मनामा – 20 दसंबर 2022
रामकली महला १ ॥ सुरति सबदु साखी मेरी सिंङी बाजै लोकु सुणे ॥ पतु झोली मंगण कै ताई भीखिआ नामु पड़े ॥१॥बाबा गोरखु जागै ॥ गोरखु सो जिनि गोइ उठाली...
संधिआ वेले का हुक्मनामा – 11 जुलाई 2024
रागु सोरठि बाणी भगत रविदास जी की ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ जउ हम बांधे मोह फास हम प्रेम बधनि तुम बाधे ॥ अपने छूटन को जतनु करहु हम छूटे तुम...
अमृत वेले का हुक्मनामा – 14 सतंबर 2024
सलोकु मः ३ सतिगुर की सेवा सफलु है जे को करे चितु लाइ ॥ मनि चिंदिआ फलु पावणा हउमै विचहु जाइ ॥ बंधन तोड़ै मुकति होइ सचे रहै समाइ ॥...
संधिआ वेले का हुक्मनामा – 2 जनवरी 2025
सलोकु मः ३ ॥ पूरबि लिखिआ कमावणा जि करतै आपि लिखिआसु ॥ मोह ठगउली पाईअनु विसरिआ गुणतासु ॥ मतु जाणहु जगु जीवदा दूजै भाइ मुइआसु ॥ जिनी गुरमुखि नामु न...
अमृत वेले का हुक्मनामा – 20 जनवरी 2023
बिलावलु महला १ ॥ मै मनि चाउ घणा साचि विगासी राम ॥ मोही प्रेम पिरे प्रभि अबिनासी राम ॥ अविगतो हरि नाथु नाथह तिसै भावै सो थीऐ ॥ किरपालु सदा...
अमृत वेले का हुक्मनामा – 7 दसंबर 2022
जैतसरी महला ४ घरु १ चउपदे ੴसतिगुर प्रसादि ॥ मेरै हीअरै रतनु नामु हरि बसिआ गुरि हाथु धरिओ मेरै माथा ॥ जनम जनम के किलबिख दुख उतरे गुरि नामु दीओ...
अमृत वेले का हुक्मनामा – 27 सितंबर 2025
अंग : 730 सूही महला १ ॥ कउण तराजी कवणु तुला तेरा कवणु सराफु बुलावा ॥ कउणु गुरू कै पहि दीखिआ लेवा कै पहि मुलु करावा ॥१॥ मेरे लाल जीउ...
अमृत वेले का हुक्मनामा – 26 फरवरी 2025
*सोरठि महला ५ ॥* *गुरु पूरा भेटिओ वडभागी मनहि भइआ परगासा ॥ कोइ न पहुचनहारा दूजा अपुने साहिब का भरवासा ॥१॥ अपुने सतिगुर कै बलिहारै ॥ आगै सुखु पाछै सुख...
संधिआ वेले का हुक्मनामा – 15 दसंबर 2022
सलोकु मः ३ ॥ पूरबि लिखिआ कमावणा जि करतै आपि लिखिआसु ॥ मोह ठगउली पाईअनु विसरिआ गुणतासु ॥ मतु जाणहु जगु जीवदा दूजै भाइ मुइआसु ॥ जिनी गुरमुखि नामु न...
अमृत वेले का हुक्मनामा – 03 अप्रैल 2025
ਅੰਗ : 619 सोरठि महला ५ ॥ सूख मंगल कलिआण सहज धुनि प्रभ के चरण निहारिआ ॥ राखनहारै राखिओ बारिकु सतिगुरि तापु उतारिआ ॥१॥ उबरे सतिगुर की सरणाई ॥ जा...
अमृत वेले का हुक्मनामा – 30 सितंबर 2025
अंग : 636 सोरठि महला १ ॥ जिन्ही सतिगुरु सेविआ पिआरे तिन्ह के साथ तरे ॥ तिन्हा ठाक न पाईऐ पिआरे अम्रित रसन हरे ॥ बूडे भारे भै बिना पिआरे...
अमृत वेले का हुक्मनामा – 15 मई 2024
बैराड़ी महला ४ ॥ हरि जनु राम नाम गुन गावै ॥ जे कोई निंद करे हरि जन की अपुना गुनु न गवावै ॥१॥ रहाउ ॥ जो किछु करे सु आपे...
संधिआ वेले का हुक्मनामा – 1 सतंबर 2023
सलोक ॥ राज कपटं रूप कपटं धन कपटं कुल गरबतह ॥ संचंति बिखिआ छलं छिद्रं नानक बिनु हरि संगि न चालते ॥१॥ पेखंदड़ो की भुलु तुमा दिसमु सोहणा ॥ अढु...
अमृत वेले का हुक्मनामा – 4 जून 2023
सलोकु मः ३ ॥ पूरबि लिखिआ कमावणा जि करतै आपि लिखिआसु ॥ मोह ठगउली पाईअनु विसरिआ गुणतासु ॥ मतु जाणहु जगु जीवदा दूजै भाइ मुइआसु ॥ जिनी गुरमुखि नामु न...
संधिआ वेले का हुक्मनामा – 6 नवंबर 2022
धनासरी महला ५ ॥ पानी पखा पीसउ संत आगै गुण गोविंद जसु गाई ॥ सासि सासि मनु नामु सम्हारै इहु बिस्राम निधि पाई ॥१॥ तुम्ह करहु दइआ मेरे साई ॥...
संधिया वेले का हुक्मनामा – 23 मई 2025
अंग : 678 धनासरी महला ५ ॥ जिनि तुम भेजे तिनहि बुलाए सुख सहज सेती घरि आउ ॥ अनद मंगल गुन गाउ सहज धुनि निहचल राजु कमाउ ॥१॥ तुम घरि...
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