संधिआ वेले का हुक्मनामा – 4 दसंबर 2022
धनासरी महला ५ ॥ तुम दाते ठाकुर प्रतिपालक नाइक खसम हमारे ॥ निमख निमख तुम ही प्रतिपालहु हम बारिक तुमरे धारे ॥१॥ जिहवा एक कवन गुन कहीऐ ॥ बेसुमार बेअंत...




अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 4 दसंबर 2022
सूही महला ४ घरु ७ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ तेरे कवन कवन गुण कहि कहि गावा तू साहिब गुणी निधाना ॥ तुमरी महिमा बरनि न साकउ तूं ठाकुर ऊच भगवाना...


संधिआ वेले का हुक्मनामा – 3 दसंबर 2022
धनासरी महला ५ ॥ जिस कउ बिसरै प्रानपति दाता सोई गनहु अभागा ॥ चरन कमल जा का मनु रागिओ अमिअ सरोवर पागा ॥१॥ तेरा जनु राम नाम रंगि जागा ॥...


अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 3 दसंबर 2022
धनासरी महला ५ ॥ त्रिपति भई सचु भोजनु खाइआ ॥ मनि तनि रसना नामु धिआइआ ॥१॥ जीवना हरि जीवना ॥ जीवनु हरि जपि साधसंगि ॥१॥ रहाउ ॥ अनिक प्रकारी बसत्र...




संधिआ वेले का हुक्मनामा – 2 दसंबर 2022
रागु धनासिरी महला ३ घरु ४ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ हम भीखक भेखारी तेरे तू निज पति है दाता ॥ होहु दैआल नामु देहु मंगत जन कंउ सदा रहउ रंगि...


अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 2 दसंबर 2022
रागु सोरठि बाणी भगत कबीर जी की घरु १ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ संतहु मन पवनै सुखु बनिआ ॥ किछु जोगु परापति गनिआ ॥ रहाउ ॥ गुरि दिखलाई मोरी ॥...


संधिआ वेले का हुक्मनामा – 1 दसंबर 2022
रागु धनासिरी महला ३ घरु ४ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ हम भीखक भेखारी तेरे तू निज पति है दाता ॥ होहु दैआल नामु देहु मंगत जन कंउ सदा रहउ रंगि...




अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 1 दसंबर 2022
धनासरी महला ४ ॥ हरि हरि बूंद भए हरि सुआमी हम चात्रिक बिलल बिललाती ॥ हरि हरि क्रिपा करहु प्रभ अपनी मुखि देवहु हरि निमखाती ॥१॥ हरि बिनु रहि न...


संधिआ वेले का हुक्मनामा – 30 नवंबर 2022
धनासरी महला ४ ॥ हरि हरि बूंद भए हरि सुआमी हम चात्रिक बिलल बिललाती ॥ हरि हरि क्रिपा करहु प्रभ अपनी मुखि देवहु हरि निमखाती ॥१॥ हरि बिनु रहि न...


अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 30 नवंबर 2022
रागु धनासिरी महला ३ घरु ४ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ हम भीखक भेखारी तेरे तू निज पति है दाता ॥ होहु दैआल नामु देहु मंगत जन कंउ सदा रहउ रंगि...




संधिआ वेले का हुक्मनामा – 29 नवंबर 2022
धनासरी महला ३ ॥ सदा धनु अंतरि नामु समाले ॥ जीअ जंत जिनहि प्रतिपाले ॥ मुकति पदारथु तिन कउ पाए ॥ हरि कै नामि रते लिव लाए ॥१॥ गुर सेवा...


अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 29 नवंबर 2022
धनासरी महला ३ ॥ सदा धनु अंतरि नामु समाले ॥ जीअ जंत जिनहि प्रतिपाले ॥ मुकति पदारथु तिन कउ पाए ॥ हरि कै नामि रते लिव लाए ॥१॥ गुर सेवा...


संधिआ वेले का हुक्मनामा – 28 नवंबर 2022
धनासरी महला ३ ॥ जो हरि सेवहि तिन बलि जाउ ॥ तिन हिरदै साचु सचा मुखि नाउ ॥ साचो साचु समालिहु दुखु जाइ ॥ साचै सबदि वसै मनि आइ ॥१॥...




अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 28 नवंबर 2022
धनासरी महला ४ घरु १ चउपदे ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ जो हरि सेवहि संत भगत तिन के सभि पाप निवारी ॥ हम ऊपरि किरपा करि सुआमी रखु संगति तुम जु...


संधिआ वेले का हुक्मनामा – 27 नवंबर 2022
धनासरी, भगत रवि दास जी की ੴ सतिगुर परसाद हम सरि दीनु दइआल न तुम सरि अब पतिआरू किया कीजे ॥ बचनी तोर मोर मनु माने जन कऊ पूरण दीजे...


अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 27 नवंबर 2022
वडहंसु महला ३ ॥ इहु सरीरु जजरी है इस नो जरु पहुचै आए ॥ गुरि राखे से उबरे होरु मरि जमै आवै जाए ॥ होरि मरि जमहि आवहि जावहि अंति...





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