संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 22 सितंबर 2025
अंग : 658 रागु सोरठि बाणी भगत रविदास जी की ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ जउ हम बांधे मोह फास हम प्रेम बधनि तुम बाधे ॥ अपने छूटन को जतनु करहु...




संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 13 सितंबर 2025
अंग : 723 तिलंग महला ५ घरु १ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ खाक नूर करदं आलम दुनीआइ ॥ असमान जिमी दरखत आब पैदाइसि खुदाइ ॥१॥ बंदे चसम दीदं फनाइ ॥...


अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 21 दसंबर 2024
रागु बिलावलु महला ५ चउपदे दुपदे घरु ७ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ सतिगुर सबदि उजारो दीपा ॥ बिनसिओ अंधकार तिह मंदरि रतन कोठड़ी खुल्ही अनूपा ॥१॥ रहाउ ॥ बिसमन बिसम...


अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 28 नवंबर 2024
धनासरी महला ५ ॥ जतन करै मानुख डहकावै ओहु अंतरजामी जानै ॥ पाप करे करि मूकरि पावै भेख करै निरबानै ॥१॥ जानत दूरि तुमहि प्रभ नेरि ॥ उत ताकै उत...




संधिआ वेले का हुक्मनामा – 18 अक्टूबर 2024
सोरठि महला ५ ॥ राजन महि राजा उरझाइओ मानन महि अभिमानी ॥ लोभन महि लोभी लोभाइओ तिउ हरि रंगि रचे गिआनी ॥१॥ हरि जन कउ इही सुहावै ॥ पेखि निकटि...


अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 3 मई 2024
सोरठि महला ५ घरु १ असटपदीआ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ सभु जगु जिनहि उपाइआ भाई करण कारण समरथु ॥ जीउ पिंडु जिनि साजिआ भाई दे करि अपणी वथु ॥ किनि...


अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 5 अप्रैल 2024
सलोकु मः ३ ॥ सतिगुर ते जो मुह फिरे से बधे दुख सहाहि ॥ फिरि फिरि मिलणु न पाइनी जमहि तै मरि जाहि ॥ सहसा रोगु न छोडई दुख ही...




अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 2 अप्रैल 2024
बिलावलु महला ५ ॥ संत सरणि संत टहल करी ॥ धंधु बंधु अरु सगल जंजारो अवर काज ते छूटि परी ॥१॥ रहाउ ॥ सूख सहज अरु घनो अनंदा गुर ते...


संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 14 मार्च 2025
रागु सोरठि बाणी भगत कबीर जी की घरु १ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ संतहु मन पवनै सुखु बनिआ ॥ किछु जोगु परापति गनिआ ॥ रहाउ ॥ गुरि दिखलाई मोरी ॥...


अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 13 मार्च 2025
जैतसरी महला ४ घरु १ चउपदे* *ੴ सतिगुर प्रसादि ॥* *मेरै हीअरै रतनु नामु हरि बसिआ गुरि हाथु धरिओ मेरै माथा ॥ जनम जनम के किलबिख दुख उतरे गुरि नामु...




संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 18 जनवरी 2025
सलोकु मः ३ ॥ नानक नामु न चेतनी अगिआनी अंधुले अवरे करम कमाहि ॥ जम दरि बधे मारीअहि फिरि विसटा माहि पचाहि ॥१॥ मः ३ ॥ नानक सतिगुरु सेवहि आपणा...


संधिआ वेले का हुक्मनामा – 15 जुलाई 2024
सोरठि मः ४ दुतुके ॥ अनिक जनम विछुड़े दुखु पाइआ मनमुखि करम करै अहंकारी ॥ साधू परसत ही प्रभु पाइआ गोबिद सरणि तुमारी ॥१॥ गोबिद प्रीति लगी अति पिआरी ॥...


संधिआ वेले का हुक्मनामा – 28 अप्रैल 2024
धनासरी मः ५ ॥ जब ते दरसन भेटे साधू भले दिनस ओइ आए ॥ महा अनंदु सदा करि कीरतनु पुरख बिधाता पाए ॥१॥ अब मोहि राम जसो मनि गाइओ ॥...




अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 18 अप्रैल 2024
सूही महला ५ ॥ गुर कै बचनि रिदै धिआनु धारी ॥ रसना जापु जपउ बनवारी ॥१॥ सफल मूरति दरसन बलिहारी ॥ चरण कमल मन प्राण अधारी ॥१॥ रहाउ ॥ साधसंगि...


अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 03 अगस्त 2025
अंग : 753 रागु सूही महला ३ घरु १ असटपदीआ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ नामै ही ते सभु किछु होआ बिनु सतिगुर नामु न जापै ॥ गुर का सबदु महा...


संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 26 जुलाई 2025
अंग : 692 ੴ सतिगुर प्रसादि ॥* *दिन ते पहर पहर ते घरीआं आव घटै तनु छीजै ॥ कालु अहेरी फिरै बधिक जिउ कहहु कवन बिधि कीजै ॥१॥ सो दिनु...





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